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मुख्यमंत्री मायावती और उनकी पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के चुनाव चिह्न् हाथी की मूर्तियों को ढंकने के निर्वाचन आयोग के फैसले के खिलाफ दायर जनहित याचिका को बुधवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी। उधर, निर्वाचन आयोग के आदेश पर मायावती और हाथियों की मूर्तियों को ढकने का काम बुधवार शाम तक पूरा हो गया।
इलाहाबाद निवासी धीरज प्रताप सिंह ने उच्च न्यायलय में जनहित याचिका दायर कर निर्वाचन आयोग के फैसले पर रोक लगाने की गुहार लगाते हुए कहा था कि हाथी हिंदुओं के देवता भगवान गणेश के प्रतीक हैं। उनकी मूर्तियां ढकने से हिंदुओं की भावनाएं आहत हो सकती हैं।
याचिकाकर्ता के वकील अनिल तिवारी ने संवाददाताओं से कहा कि अदालत ने याचिका में तकनीकी खामियां बताकर उसे खारिज कर दिया। हालांकि अदालत ने भविष्य में नए सिरे से याचिका दाखिल करने की अनुमित दी है।
उधर, लखनऊ के गोमती नगर स्थित सामाजिक परिवर्तन स्थल, अम्बेडकर पार्क और सामाजिक परिवर्तन प्रतीक स्थल में मायावती और हाथियों को मूर्तियों को ढंकने का काम पूरा कर लिया गया।
लखनऊ के जिलाधिकारी अनिल कुमार सागर ने संवाददाताओं से कहा कि आकार से हिसाब से कुछ हाथी की मूर्तियों को जहां पीली पॉलीथीन से तो कुछ को रेशमी कपड़े से ढंका गया। मुख्यमंत्री मायावती की मूर्तियों को चारों तरफ लकड़ी की प्लाई के फ्रेम से ढका गया।
निर्वाचन आयोग की तरफ से बुधवार शाम तक मूर्तियों को ढकने की मोहलत दी गई थी। लखनऊ और गौतमबुद्धनगर में ढकी जाने वाली मूर्तिओं की संख्या करीब तीन सौ के आस-पास थी।


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Thursday | 1 comments | Labels:

1 comments:

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  1. अनिल गुप्ता
    20:51

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