देश में बिकने वाला करीब 70 प्रतिशत दूध मिलावटी होता है। एक राष्ट्रीय सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है। वर्ष 2011 में हुए इस सर्वे में करीब 69 फीसदी सैंपल गुणवत्ता जांच में फेल हो गए। दूध में पानी और मिल्क पाउडर ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए घातक डिटरजेंट की मिलावट भी पाई गई।
पैक और खुला दोनों तरह का दूध मिलावटी
खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की ओर से यह सर्वे कराया गया था। सर्वे में पाया गया कि गोवा और पुडुचेरी को छोड़कर देश के अन्य सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में पैक और खुला दोनों तरह का दूध मिलावटी है। सर्वे में दूध के 1791 नमूनों की जांच के बाद पाया गया कि 69 प्रतिशत नमूने सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं।
सैंपल में सोडियम क्लोराइड भी पाया गया
इसमें बिहार, छत्तीसगढ़, दमन दीव, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और मिजोरम से लिए गए सभी सैंपल गुणवत्ता जांच फेल रहे। बिहार, झारखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के सैंपलों में तो डिटरजेंट भी पाया गया। 8 फीसदी से ज्यादा (103) सैंपलों में डिटरजेंट पाया गया। असम से लिए गए सैंपल में सोडियम क्लोराइड भी पाया गया। नगालैंड से लिए दो सैंपलों में न्यूट्रलाइजर पाए गए। सर्वे में पाया गया कि दूध में पानी मिलाना सबसे आम है। मिलावट की दृष्टि से गांव के लोग शहरी लोगों के मुकाबले बेहतर स्थिति में हैं। शहरों में बिकने वाला 68.9 प्रतिशत दूध मिलावटी है जबकि गांव में 31 प्रतिशत दूध ही मिलावट वाला है।
पैक और खुला दोनों तरह का दूध मिलावटी
खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की ओर से यह सर्वे कराया गया था। सर्वे में पाया गया कि गोवा और पुडुचेरी को छोड़कर देश के अन्य सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में पैक और खुला दोनों तरह का दूध मिलावटी है। सर्वे में दूध के 1791 नमूनों की जांच के बाद पाया गया कि 69 प्रतिशत नमूने सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं।
सैंपल में सोडियम क्लोराइड भी पाया गया
इसमें बिहार, छत्तीसगढ़, दमन दीव, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और मिजोरम से लिए गए सभी सैंपल गुणवत्ता जांच फेल रहे। बिहार, झारखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के सैंपलों में तो डिटरजेंट भी पाया गया। 8 फीसदी से ज्यादा (103) सैंपलों में डिटरजेंट पाया गया। असम से लिए गए सैंपल में सोडियम क्लोराइड भी पाया गया। नगालैंड से लिए दो सैंपलों में न्यूट्रलाइजर पाए गए। सर्वे में पाया गया कि दूध में पानी मिलाना सबसे आम है। मिलावट की दृष्टि से गांव के लोग शहरी लोगों के मुकाबले बेहतर स्थिति में हैं। शहरों में बिकने वाला 68.9 प्रतिशत दूध मिलावटी है जबकि गांव में 31 प्रतिशत दूध ही मिलावट वाला है।
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